सहायताप्राप्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2014
राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा तारीख 15 अक्तूबर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र महिला, आई. सी.एम.आर., महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सिविल सोसायटी के विशेषज्ञों, राज्य महिला आयोगों और यू.एन.एफ.पी.ए. के तकनीकी समर्थन से एक राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन किया गया था ।
राष्ट्रीय परामर्श के उद्देश्य निम्नलिखित थे:
i प्रारूप ए.आर.टी विधेयक के उपबंधों की, विशेष रूप से वाणिज्यिक सरोगेसी के संदर्भ में समालोचनात्मक परीक्षा करना और भारत में ए.आर.टी. और सरोगेसी पर नीति और विधान के लिए ठोस सिफारिशें तैयार
करना ।
ii. यह सुनिश्चित करना कि विनियामक उपाय सरोगेट माता और सरोगेसी के माध्यम से उत्पन्न बच्चों के स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा करेंगे तथा उनका कड़ाई से अनुपालन किया जाए ।
iii. वाणिज्यिक सरोगेसी के लिए वैश्विक केन्द्र के रूप में भारत के उद्भव होने से संबंधित मुद्दों और चुनौतियों पर विभिन्न संघटकों के बीच सार्वजनिक राय बनाना ।
सुसंगत ब्यौरे उपाबंध V में दिए गए हैं । यह सिफारिश महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को अग्रिम आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई ।