सहायताप्राप्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2013
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद्, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विनिर्दिष्ट रूप से प्रस्तावित सहायताप्राप्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2013 के अधीन सरोगेट माता को संदत्त किए जाने वाले न्यूनतम प्रतिकर की गणना करने के लिए किसी फार्मूले के संबंध में विनिश्चय करने के लिए एक समिति गठित की थी । राष्ट्रीय महिला आयोग भी इस समिति का सदस्य था । राष्ट्रीय महिला आयोग ने सुझाव प्राप्त करने और संबद्ध विभिन्न विधियों/उपबंधों की परीक्षा करने के पश्चात् यह दृष्टिकोण अपनाया है कि:- प्रस्तावित अधिनियम में फार्मूला विनिर्दिष्ट नहीं किया जाना चाहिए किन्तु इसे इस संबंध में विरचित किए जाने वाले नियमों में शामिल किया जाना चाहिए । सरोगेट माता को एक कुशल कर्मचारी समझा जा सकता है और चूंकि पूरे देश में कोई एकल एकसमान न्यूनतम मजदूरी दर नहीं है इसलिए प्रतिकर के स्तर में स्वास्थ्य, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक खर्चें आदि अन्य कारकों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए ।
सुझाव/सिफारिशें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद्, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को तारीख 10 अप्रैल, 2015 को भेजी गई थीं । इसका ब्यौरा उपाबंध-I में दिया गया है ।