महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनयम, 2013
महिलाओं को संरक्षण प्रदान करने के लिए और कार्यस्थल पर उसके अधिकारों की रक्षा करने के लिए महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 अधिनियमित किया गया है । राष्ट्रीय महिला आयोग ने उपर्युक्त अधिनियम पर विचार-विमर्श करने के लिए तारीख 3 फरवरी, 2015 को राज्य आयोगों के साथ एक संवाद बैठक का आयोजन किया । अधिनियम और उसके अधीन बनाए गए नियमों में ऐसी शिकायतों पर विचार करने के लिए आंतरिक परिवाद समिति (आई.सी.सी.) गठित करने का भार नियोजक पर और स्थानीय परिवाद समिति (एल.सी.सी.) गठित करने का भार जिला अधिकारी पर डाला गया है ।
चर्चा के दौरान व्यापक रूप से जो सिफारिशें उभरकर आईं वे ये थीं:-
(i) आंतरिक परिवाद समिति/स्थानीय परिवाद समिति के गठन की मानीटरिंग – राज्य महिला आयोगों को अपने-अपने राज्यों में जिला स्तर पर आंतरिक परिवाद समितियों और स्थानीय परिवाद समितियों के गठन को मानीटर करना चाहिए ।
(ii) आंतरिक परिवाद समिति/स्थानीय परिवाद समिति के कार्यकरण की मानीटरिंग – राज्य महिला आयोगों को अपने-अपने राज्यों में जिला स्तर पर आंतरिक परिवाद समितियों और स्थानीय परिवाद समितियों के कार्यकरण को मानीटर करना चाहिए । जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की सिफारिश की जाती है ।
(iii) जागरुकता कार्यक्रम – राज्य महिला आयोगों को अधिनियम और उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के बारे में इनके बेहतर कार्यान्वयन के लिए अपने-अपने राज्यों में जानकारी के प्रचार-प्रसार के लिए नियमित रूप से कार्यक्रम आयोजित करने चाहिएं ।
(iv) आंतरिक परिवाद समितियां – राज्य आयोगों को अपने-अपने कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समितियों का गठन भी सुनिश्चित करना चाहिए ।
(v) संगठनों के साथ सहयोग – राज्य आयोगों को आंतरिक परिवाद समिति के सदस्यों के लिए कार्यशालाओं, विषयबोध और जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन करने और संसाधन व्यक्ति उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ सहयोग करना चाहिए ।
(vi) वार्षिक रिपोर्टें – आंतरिक परिवाद समितियों और स्थानीय परिवाद समितियों के कार्यकरण से संबंधित वार्षिक रिपोर्टों की प्रतियां संगठनों और जिला अधिकारियों द्वारा राज्य महिला आयोग को उपलब्ध कराई जानी चाहिएं ।
सुझाई गई सिफारिशें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा राज्य सरकारों को अग्रिम आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई थीं ।