अध्यक्ष का संदेश
प्यारे देशवासियो,
नमस्कार !
विगत 70 वर्षों के दौरान, भारत ने सक्रिय प्रजातंत्र के रूप में उभर कर आने के लिए अनेक बाधाओं को पार किया है। तथापि, प्रजातंत्र सरकार चुनने की आवधिक प्रक्रिया के अलावा भी कुछ है। स्वतंत्रता के वृक्ष को प्रजातांत्रिक संस्थानों के माध्यम से सतत् संपोषित करने की जरूरत होती है। सुरक्षा एवं संरक्षा जो हम महिलाओं एवं बच्चें को प्रदान करते हैं, हमारे राज्य और समाज के सुख को निर्धारित करती है। दुर्भाग्य से, हमारी अनेक उपलब्धियों के वाबजूद देश के सामाजिक ढांचे में पितृसत्ता, स्त्री-द्वेश और दमनात्मक प्रवृत्ति व्याप्त हैं जो महिला सशक्तीकरण को बाधित करते हैं। महिला-पुरुष असमानता, महिलाओं के प्रति हिंसा की बढ़ती दर और महिलाओं के साथ भेदभाव महिलाओं की अवनति कर उन्हें दोयम दर्जा देना जारी रखे हैं जिससे उनके मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन होता है।
मौजूदा सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में, भारत के सर्वोच्च राष्ट्रीय संगठन के रूप में राष्ट्रीय महिला आयोग को बहुत ही महत्वपूर्ण निभागी होगी। आयोग के नेतृत्व का उत्तरदायित्व मुझे सोंपने से, मैं गौरवान्वित, नम्र महसूस कर रही हूँ और अपना सर्वोत्तम करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। मैं हिंसा एवं भेदभाव मुक्त वातावरण में राष्ट्रीय समान के साथ जीने और विकास में समान भागीदार के रूप में सहभागित करने के लिए महिलाओं के सशक्तीकरण में उत्प्रेरक बनने की अभिलाषा रखती हूँ। मैं अपनी समर्पित टीम के साथ यह सुनिश्चित करने के संकेंद्रित प्रयास करना जारी रखे हूँ कि हम प्रतिक्रियात्मक हस्तक्षेप करने और अग्रसक्रियता से अपने अधिदेश को पूरा करने से परे अपने पक्षकारों को लाभान्वित करते हैं। हमें अहसास है कि महिलाओं की अधिकारविहीनता को जाति, वर्ग, धर्म, नस्ल, अक्षमता और अन्य कारकों के आधार पर गहरी पैठ बनाए, विविध एवं संरचनात्मक भेदभाव द्वारा और अधिक खराब कर दिया है। इन मौजूदा चुनौतियों को मिटाने के लिए सुव्यवस्थित प्रयास करते हुए, हम महिलाअें के अधिकारों को सुरक्षित करने की दिशा में प्रगति को गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
श्री नरेन्द्र मोदी, भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की अपरिमित भागीदारी को स्वीकार करते हुए, ‘नारी शक्ति’ को सशक्त बनाने पर बार-बार जोर देते रहे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग उनके विज़न ‘महिला विकास को ही नहीं अपितु महिलाओं की अगुवाई में विकास’ के लिए प्रतिबद्ध है। देश का जिम्मेवार नागरिक होने के नाते, हमारी महिलाओं के लिए अनुकूल, निष्पक्ष एवं न्यायोचित वातावरण के निर्माण करना हम सभी का कर्तव्य है। मैं आपसे आज मिशन से जुड़ने और जेंडर समानता चैम्पियन बनने की अपील करती हूँ।
मैं आपसे आपका आशीर्वाद और सतत् सहयोग मांगती हूँ।
जय हिंद !