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प्रकोष्ठ की सफलता की कहानियां तथा उपलब्धियां

प्रकोष्‍ठ के प्रारंभन से प्राप्‍त किए गए मामलों की संख्‍या तथा सफलता की कहानियां

राष्‍ट्रीय महिला आयोग को अनिवासी भारतीय पतियों द्वारा परित्‍यक्त भारतीय महिला की ‘दुर्दशा’ विषय पर महिला सशक्‍तिकरण संबंधी संसदीय समिति(14वीं लोकसभा) की अनुशंसा के आधार पर प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय के 28 अप्रैल 2009 के आदेश के तहत भारत सरकार द्वारा अनिवासी भारतीय विवाहों से निपटने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर समन्‍वयकर्ता एजेंसी के रूप में नामित किया गया था जिस पर 7 जुलाई, 2008 को आयोजित अंतर मंत्रालयी समिति की बैठक में चर्चा तथा विचार-विमर्श किया गया ।

       इसकी सहायता में, अनिवासी भारतीय प्रकोष्‍ठ का 24 सितम्‍बर, 2009 को औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया । अनिवासी भारतीय प्रकोष्‍ठ क्रास कंट्री विवाहों के कारण भारत तथा विेदेश से प्राप्‍त होने वाली शिकायतों का निपटारा करता है, जिनमें महिलाओं के अधिकारों की कोई वंचना हो अथवा महिलाओं के साथ अत्‍यधिक अन्‍याय का कोई मुद्दा शामिल हो । इस प्रकोष्‍ठ के प्रारंभन से लगभग 330 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

अनिवासी भारतीय प्रकोष्‍ठ की प्रासंगिकता और उपलब्‍धियों के मुख्‍य बिंदु हैं :-

  1. संबंधित दूतावासों/कंसुलेटों/मंत्रालयों तथा सावर्जनिक प्राधिकरणों के समन्‍वय से शिकायतों पर ध्‍यान दिया जाता है, जो प्रतिक्रिया भी करते हैं ।
  2. विधि और न्‍याय मंत्रालय को भारतीय न्‍यायालयों द्वारा दिए गए आदेशों अथवा गिरफ्तारी के वारंटों के निष्‍पादन का प्रस्‍ताव किया जा रहा है ।
  3. उन महिलाओं को जिन्‍होंने अनिवासी भारतीय/मूल भारतीय नागरिक से विवाह किया हो, को दोहरे पासपोर्ट की व्‍यवहार्यता का मुद्दा विदेश मंत्रालय तथा विधि और न्‍याय मंत्रालय के साथ उठाया गया । तथापि, मौजूदा पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के अंतर्गत, यह व्‍यवहार्य नहीं है, विदेश मंत्रालय ने निम्नलिखित आश्‍वासन दिए हैं:-
    1. यदि किसी पत्‍नी का उत्‍पीड़न होता है और उसे छोड़ा जाता है और वह अपने पासपोर्ट रहित है तथा यदि उसका मूल पासपोर्ट वैध है और उसके पति की अभिरक्षा में है, तो वह पासपोर्ट कार्यालय में इसके लिए आवेदन कर सकती है तथा यदि उसके पास अपने पुराने पासपोर्ट का रिकार्ड अथवा कोई फोटोकापी नहीं है तो मूल पासपोर्ट जारीकर्ता प्राधिकरण से पासपोर्ट ब्‍योरे के सत्‍यापन के उपरांत एक नया पासपोर्ट दिया जाएगा ।
    2. यदि पत्‍नी के पास पुराने पासपोर्ट की फोटोकापी तथा रिकार्ड है, तो सिस्‍टम में पुराने पासपोर्ट को रद्द करने के उपरांत निष्‍पक्ष रूप से शीघ्र एक नया पासपोर्ट जारी किया जाएगा। ऐसे मामलों में प्राथमिकी का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है ।
    3. यदि वह आश्रित वीजा पर है तथा वीजा रद्द किया गया है तो मामला संबंधित देश के समक्ष उठाना पड़ेगा ।
    4. यदि गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हों तो उस व्यक्ति के पासपोर्ट के प्रतिसंहरण के लिए पासपोर्ट प्राधिकरण को सीधे आवेदन किया जा सकता है, क्‍योंकि पासपोर्ट कार्यालय को विवेकाधिकार होता है ।
  1. पुलिस प्राधिकारियों से की गई कार्रवाई से संबंधित की गई कार्रवाई रिपोर्ट प्राप्‍त की जाती है अथवा संबंधित शिकायतों के संबंध में न की गई कार्रवाई का कारण पूछा जाता है ।
  2. गृह मंत्रालय को सभी राज्‍य सरकारों की आगे प्रस्‍तुतीकरण हेतु करें तथा न करें संबंधी विवरणिका की लगभग 100 प्रतियां दी गईं ।
  3. और अधिक संदर्भों तथा दिशानिर्देशों के लिए पंजीकृत मामलों के डेटाबैंक रिकार्ड  का रखरखाव करना ।