Sorry, you need to enable JavaScript to visit this website.

कानूनी प्रकोष्ठ

राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 की धारा 10 के अनुसार, आयोग के इस अधिदेश के अनुसरण में कि संविधान और अन्य विधियों के महिलाओं को प्रभावित करने वाले विद्यमान उपबंधों का पुनर्विलोकन किया जाए और उनके संशोधनों की सिफारिश की जाए जिससे कि ऐसे विधानों में किसी दोष, अपर्याप्तता या कमियों को दूर करने के लिए उपचारात्मक विधायी उपायों का सुझाव दिया जा सके, आयोग ने वर्ष 2015-16 के दौरान विभिन्न विधियों का पुनर्विलोकन किया और उनके संबंध में सिफारिशें कीं । आयोग का सरोकार महिलाओं से संबद्ध अधिकारों और विधियों के बारे में जागरुकता फैलाना है और इस संबंध में विधि महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों की सहायता से अनेक जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था । आयोग का सरोकार पुलिस अधिकारियों की क्षमता-निर्माण के बारे में भी है तथा इसे अग्रसर करने के लिए आयोग ने पुलिस अनुसंधान विकास ब्यूरों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से ऐसे मामलों के अन्वेषण में, जिनमें महिलाओं के विरुद्ध अपराध अंतर्वलित हैं, महिला पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का आयोजन किया । इसके ब्यौरे संबंधित अनुभागों में दिए गए हैं ।